UP Online Teachers Transfer : उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। पहली बार ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक तबादलों की प्रक्रिया पूरी की गई है। लंबे समय से तबादले का इंतजार कर रहे 360 शिक्षकों को अब उनके नए कार्यस्थल पर नियुक्ति मिल गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की ओर से पारदर्शिता और त्वरित कार्यप्रणाली के उद्देश्य से लिया गया है।
पहली बार ऑनलाइन तबादले: ऐतिहासिक कदम
इस बार शिक्षकों का तबादला पारंपरिक ऑफलाइन पद्धति की बजाय पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया से किया गया है। शिक्षकों को अब secaidedtransfer.upsdc.gov.in पोर्टल पर जाकर अपना तबादला परिणाम देखना है। इसके लिए उन्हें अपनी मानव संपदा आईडी और पंजीकृत मोबाइल नंबर की जरूरत होगी। यह कदम सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने और समय की बचत करने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
पारदर्शिता के चलते 106 आवेदन निरस्त
ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया के दौरान जांच में यह सामने आया कि 106 ऐसे आवेदन थे जिनमें जरूरी प्रमाणपत्र या भारांक अंक नहीं थे। इन खामियों की वजह से संबंधित आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अब बिना सही दस्तावेजों के कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश
अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) और संयुक्त निदेशकों (JD) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन शिक्षकों का तबादला हुआ है, उन्हें तुरंत मुक्त कर दिया जाए। इससे वे अपने नए विद्यालयों में समय पर योगदान कर सकें और छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े। सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षकों को नई जिम्मेदारियों को जल्द से जल्द सौंपा जाए ताकि शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो।
1200 से अधिक ऑफलाइन तबादले अभी भी लंबित
जहां एक ओर ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर लगभग 1200 शिक्षकों के ऑफलाइन तबादले अब भी अधर में लटके हुए हैं। ये सभी आवेदन प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में विचाराधीन हैं। बताया जा रहा है कि शासन स्तर से स्पष्ट दिशा-निर्देश न मिलने की वजह से इन पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। इससे संबंधित शिक्षकों में असंतोष और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने विभागीय लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि कई शिक्षकों के आवेदन सिर्फ इस वजह से निरस्त हो गए क्योंकि विभाग ने समय रहते आवश्यक दस्तावेजों की जांच नहीं की। उन्होंने सरकार और अधिकारियों पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री से जांच की अपील
डॉ. हरि प्रकाश यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि पूरे तबादला प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जिन अधिकारियों की लापरवाही या मनमानी सामने आए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आगे चलकर ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। शिक्षक संघ की मांग है कि तबादले की पूरी प्रक्रिया को सुचारु और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जाए।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए पहली बार ऑनलाइन तबादला प्रणाली लागू करना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि समय और संसाधनों की बचत भी हुई है। हालांकि, ऑफलाइन तबादलों की प्रक्रिया में अब भी कई समस्याएं बनी हुई हैं, जिन्हें जल्द से जल्द सुलझाया जाना आवश्यक है। शिक्षकों और उनके परिवारों के हित में यह जरूरी है कि तबादलों की प्रक्रिया समयबद्ध और निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाए।