Pune Gold Rate : 13 जून 2025, शुक्रवार को देशभर के सर्राफा बाजारों में सोने की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। जहां 24 कैरेट सोना ₹800 प्रति 10 ग्राम तक महंगा हुआ है, वहीं चांदी ₹100 प्रति किलो सस्ती हुई है। यह बदलाव न केवल दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में बल्कि जयपुर, लखनऊ, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के बाजारों में भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
सोने की कीमतों में तेजी के पीछे का कारण
इस समय वैश्विक स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल रही है। अमेरिका में टैक्स को लेकर बढ़ती चिंताओं, रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में जारी तनाव ने निवेशकों को जोखिम भरे निवेशों से दूर कर दिया है। ऐसे में निवेशक एक बार फिर सोने जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर रुख कर रहे हैं।
जब भी वैश्विक परिस्थितियों में अनिश्चितता बढ़ती है, तब सोने की मांग बढ़ जाती है। सोना एक पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश साधन माना जाता है, जो संकट के समय में पूंजी की रक्षा करता है। यही वजह है कि वर्तमान परिदृश्य में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
आज 13 जून 2025 के सोने का ताजा भाव (10 ग्राम पर)
शहर का नाम | 22 कैरेट (₹) | 24 कैरेट (₹) |
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दिल्ली | ₹91,160 | ₹99,440 |
मुंबई | ₹91,010 | ₹99,290 |
चेन्नई | ₹91,010 | ₹99,290 |
कोलकाता | ₹91,010 | ₹99,290 |
जयपुर | ₹91,160 | ₹99,440 |
लखनऊ | ₹91,160 | ₹99,440 |
गाजियाबाद | ₹91,160 | ₹99,440 |
नोएडा | ₹91,160 | ₹99,440 |
पटना | ₹91,010 | ₹99,290 |
बेंगलुरु | ₹91,010 | ₹99,290 |
चांदी के भाव में गिरावट
आज 1 किलो चांदी की कीमत ₹1,08,800 रही, जो कल के मुकाबले ₹100 कम है। हालांकि बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले त्योहारों, खासकर दीवाली तक, चांदी की कीमत ₹1.20 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
चांदी की मांग मुख्य रूप से औद्योगिक उत्पादों, गहनों और निवेश से जुड़ी होती है। यही वजह है कि इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।
सोने की कीमत कैसे तय होती है?
भारत में सोने के दाम कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव: यदि वैश्विक बाजार में सोने के दाम बढ़ते हैं तो भारत में भी उसी अनुसार मूल्य में बढ़ोतरी होती है।
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डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति: जब रुपया कमजोर होता है तो आयात महंगा होता है और इससे सोने की कीमत बढ़ जाती है।
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सरकारी टैक्स और आयात शुल्क: सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क सीधे सोने की कीमतों पर असर डालते हैं।
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लोकल डिमांड: शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ जाती है जिससे कीमतों में इजाफा होता है।
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भू-राजनीतिक स्थिति: जैसे युद्ध, व्यापारिक तनाव और वैश्विक संकट की स्थिति में निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने को चुनते हैं।
सोना: केवल निवेश नहीं, संस्कृति का हिस्सा
भारत में सोने को सिर्फ एक कीमती धातु नहीं बल्कि संस्कृति, परंपरा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस, दीवाली, अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह जैसे विशेष अवसरों पर इसकी मांग में जबरदस्त वृद्धि देखी जाती है। यही कारण है कि इन सीजन में सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छूती हैं।
आने वाले समय में क्या हो सकता है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक संकट और तनाव की स्थिति बनी रही तो सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी संभव है। निवेशक लंबे समय तक स्थिर रिटर्न पाने के लिए सोने को प्राथमिकता दे सकते हैं। वहीं, चांदी में भी दीवाली तक अच्छी तेजी की उम्मीद की जा रही है।
निष्कर्ष
आज 13 जून 2025 को सोने की कीमतों में हुई तेजी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब भी बाजार में अनिश्चितता होती है, सोना सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प बन जाता है। वहीं चांदी की कीमतों में थोड़ी गिरावट भले ही दिख रही हो, लेकिन आने वाले समय में इसके दाम भी नई ऊंचाई छू सकते हैं। यदि आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें और विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।