NEET Success Story 2025 : हर साल लाखों छात्र नीट परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उन सभी में से कुछ ही छात्र ऐसे होते हैं जो अपने मेहनत और समर्पण से इतिहास रचते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है इंदौर की सानिका अग्रवाल की, जिन्होंने NEET UG 2022 की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 29 हासिल कर अपने परिवार, शहर और राज्य का नाम रोशन किया। खास बात यह रही कि सानिका मध्य प्रदेश की एकमात्र लड़की रहीं जो टॉप 50 में शामिल हुईं।
सानिका की यह सफलता इसलिए भी विशेष मानी जाती है क्योंकि उन्होंने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की। उन्होंने NEET UG में कुल 720 में से 705 अंक प्राप्त किए। यह स्कोर बताता है कि उन्होंने न सिर्फ विषयों पर अच्छी पकड़ बनाई, बल्कि परीक्षा की रणनीति को भी सही तरीके से अपनाया।
पढ़ाई की शुरुआत और नींव मजबूत करने का सफर
सानिका अग्रवाल ने NEET की तैयारी की शुरुआत कक्षा 11वीं से ही कर दी थी। उन्होंने शुरुआत से ही अपना लक्ष्य तय कर लिया था कि उन्हें मेडिकल क्षेत्र में जाना है। जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी और शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन माध्यम पर आधारित हो चुकी थी, उस समय भी सानिका ने पढ़ाई को गंभीरता से लिया और रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई का अनुशासन बनाए रखा।
कोविड काल में जब अधिकांश छात्र मानसिक रूप से परेशान थे, सानिका ने उसी समय को अपने आत्मविकास और पढ़ाई के लिए उपयोग किया। उन्होंने इस समय को अवसर के रूप में लिया और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास करती रहीं।
पढ़ाई को बोझ नहीं, आनंद का माध्यम बनाया
अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए सानिका बताती हैं कि उन्होंने कभी भी पढ़ाई को दबाव या बोझ की तरह नहीं लिया। उनके अनुसार, जब किसी काम को दिल से किया जाए और उसमें आनंद लिया जाए, तो वह काम कठिन नहीं लगता, बल्कि एक सुखद यात्रा बन जाता है।
सानिका मानती हैं कि अगर पढ़ाई को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए और उसमें रूचि बनाई जाए, तो सफलता प्राप्त करना मुश्किल नहीं होता। उनका यही नजरिया उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। उन्होंने पढ़ाई के बीच अपने शौकों और पसंदीदा गतिविधियों के लिए भी समय निकाला ताकि मानसिक संतुलन बना रहे।
सटीक रणनीति और अनुशासन बना सफलता की कुंजी
NEET जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि सही रणनीति और अनुशासन भी आवश्यक होता है। सानिका ने यह बात बहुत अच्छे से समझी और अपनी पढ़ाई को एक योजनाबद्ध ढंग से किया। उन्होंने समय का प्रबंधन, मॉक टेस्ट की नियमित प्रैक्टिस, और कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान देकर तैयारी को मजबूत किया।
उनका मानना है कि मॉक टेस्ट देने से आत्मविश्वास बढ़ता है और वास्तविक परीक्षा में समय प्रबंधन बेहतर होता है। साथ ही, एनसीईआरटी की किताबों को गहराई से पढ़ना, और हर विषय की मूल अवधारणाओं को समझना सफलता के लिए जरूरी होता है।
AIIMS में MBBS की पढ़ाई कर रहीं सानिका
सानिका ने अपनी शानदार रैंक के दम पर देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों में से एक AIIMS में एडमिशन लिया। वर्तमान में वह MBBS के तीसरे वर्ष में अध्ययन कर रही हैं। AIIMS में प्रवेश पाना हर मेडिकल अभ्यर्थी का सपना होता है, और सानिका ने इस सपने को अपनी मेहनत और समर्पण से सच कर दिखाया।
उनकी इस उपलब्धि से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा इंदौर शहर और मध्य प्रदेश गौरवान्वित है। उनके माता-पिता ने भी हमेशा उनका समर्थन किया और उन्हें हर मोड़ पर प्रेरित किया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनीं सानिका
सानिका की कहानी आज उन लाखों छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, मेहनत ईमानदारी से की जाए और सकारात्मक सोच बनाए रखी जाए, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता।
वह आज भी अपने जूनियर्स और NEET की तैयारी कर रहे छात्रों को यही सलाह देती हैं कि पढ़ाई को एक रोचक अनुभव के रूप में लें, ना कि बोझ के रूप में। साथ ही, अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत का भी ध्यान रखें ताकि आप लंबी दौड़ में टिक सकें।
निष्कर्ष
सानिका अग्रवाल की सफलता की कहानी यह सिखाती है कि दृढ़ निश्चय, अनुशासन और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी छात्र ऊँचाइयों को छू सकता है। NEET जैसी कठिन परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 29 हासिल करना कोई आसान काम नहीं, लेकिन सानिका ने दिखा दिया कि यह संभव है।
उनकी यह यात्रा लाखों छात्रों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है, और यह दिखाती है कि यदि कोई सच्चे मन से कोशिश करे, तो सफलता उसके कदम चूमती है।