NEET में घोटाला, सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रहे छात्र की खुली पोल NEET Scam 2025

By Shruti Singh

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NEET Scam 2025

NEET Scam 2025 : नीट यूजी 2023 परीक्षा में एक बार फिर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जो बॉलीवुड की मशहूर फिल्म “मुन्नाभाई एमबीबीएस” की कहानी की याद दिलाता है। इस मामले में राजस्थान के जालौर जिले के रहने वाले विकास नामक छात्र ने जोधपुर के प्रवीण गोदारा की जगह परीक्षा दी, जिसके बाद प्रवीण को एमबीबीएस कोर्स में दाखिला मिल गया। यह मामला केवल धोखाधड़ी ही नहीं, बल्कि सरकारी शिक्षा प्रणाली में साजिश की एक गंभीर चुनौती भी है।

मामला क्या है?

पिछले साल 7 मई 2023 को द्वारका के सेक्टर-12 स्थित केंद्रीय विद्यालय में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में विकास ने प्रवीण की जगह परीक्षा में बैठकर धोखाधड़ी की। अधिकारियों के अनुसार, विकास वर्तमान में सिरोही के डॉ. भीम राव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के दूसरे वर्ष का छात्र है। उसने नीट यूजी परीक्षा में प्रवीण के उत्तर पुस्तिका पर उनके हस्ताक्षर और लिखावट की नक़ल कर परीक्षा पास की।

इस धोखाधड़ी के कारण प्रवीण की सीट उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान में सुरक्षित हो गई। जांच के दौरान पता चला कि दोनों छात्र वर्तमान में अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। यह खुलासा न केवल धोखाधड़ी का मामला है, बल्कि सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करता है।

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सीबीआई ने दर्ज की FIR

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में दोनों छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इसमें 120-बी (आपराधिक साजिश), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी) और भारतीय न्याय संहिता 2023 की अन्य प्रासंगिक धाराएं शामिल हैं। यह मामला यह दर्शाता है कि परीक्षा प्रक्रिया में धोखाधड़ी रोकने के लिए कानून कितनी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है।

नीट यूजी परीक्षा की महत्ता

नीट यूजी परीक्षा देशभर के लाखों छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस परीक्षा के जरिए छात्र एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य मेडिकल संबंधित कोर्सेज में दाखिला पाते हैं। हर साल लगभग 22 लाख से अधिक छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं। इस परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है ताकि योग्य छात्र सही मायने में मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर सकें।

इस धोखाधड़ी का प्रभाव

इस तरह की धोखाधड़ी से सिर्फ दो छात्रों की नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। जब कोई छात्र परीक्षा में किसी और की जगह बैठता है और उसे सफलता मिलती है, तो अन्य ईमानदार छात्रों का मेहनत से हासिल किया गया अधिकार भी छिन जाता है। इसके अलावा, यह मामला यह भी दिखाता है कि परीक्षा के दौरान पहचान सुनिश्चित करने की व्यवस्था में गंभीर कमियां हैं।

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आगे क्या होना चाहिए?

इस मामले से यह सीखना जरूरी है कि परीक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत, सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जाए। पहचान की जांच के लिए कड़ी जांच-पड़ताल होनी चाहिए। साथ ही, डिजिटल माध्यमों से पहचान सत्यापन के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए ताकि ऐसी धोखाधड़ी की संभावनाएं कम हो सकें।

सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करें ताकि अन्य छात्रों के लिए यह एक चेतावनी हो। साथ ही, छात्र-छात्राओं को भी परीक्षा की नैतिकता और ईमानदारी की महत्ता समझनी होगी। परीक्षा केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह उनके भविष्य का आधार है।

निष्कर्ष

नीट यूजी 2023 में हुए इस धोखाधड़ी के मामले ने शिक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। जहां एक ओर यह एक गंभीर अपराध है, वहीं यह हमें सुधार के रास्ते भी दिखाता है। सरकार, एजेंसियां और शैक्षिक संस्थान मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाएं जहां परीक्षा निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित हो। तभी हर छात्र को न्याय मिलेगा और देश के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र का स्तर भी ऊंचा होगा।

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यह मामला हमें याद दिलाता है कि शिक्षा में ईमानदारी सर्वोपरि है और इसे कायम रखने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। परीक्षा में धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कानून और सख्ती से कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी गलती करने की हिम्मत न करे।

Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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