IIT Topper 2025 : हिमाचल प्रदेश की बेटियां लगातार शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। इसी कड़ी में शिमला की रहने वाली दामिनी सिंह बराड़ ने पूरे देश का नाम रोशन किया है। दामिनी ने भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक IIT पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 1 (AIR-1) हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने IIT कानपुर के लिखित और इंटरव्यू दोनों चरणों में टॉप करके पीएचडी में दाखिला लिया है।
कठिन परीक्षा, बेहतरीन सफलता
दामिनी सिंह बराड़ अब IIT कानपुर से मनोविज्ञान (Psychology) विषय में पीएचडी करेंगी। उन्होंने न केवल इस प्रतिष्ठित संस्थान में टॉप किया, बल्कि बेंगलुरु के NIMHANS (National Institute of Mental Health and Neurosciences) की प्रवेश परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की। वहां के लिखित चरण को पास करने के बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।
यह सब कुछ तब और अधिक प्रेरणादायक बन जाता है जब आप जानेंगे कि दामिनी ने ये सब बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के किया। उन्होंने किसी भी परीक्षा के लिए कोई गाइडेंस या कोचिंग नहीं ली।
पढ़ाई का तरीका: 2 से 4 घंटे, लेकिन फोकस के साथ
आज जब कई छात्र दिन-रात पढ़ाई करने के बाद भी सफलता नहीं पाते, दामिनी ने यह साबित किया कि पढ़ाई की गुणवत्ता, समय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि वो दिनभर पढ़ाई नहीं कर सकती थीं। रोजाना 2 से 4 घंटे पढ़ाई करती थीं, लेकिन वह पूरी तरह ध्यान केंद्रित करके पढ़ती थीं।
उनका मानना है कि दिमाग को तरोताजा और सक्रिय रखने के लिए योगा, वॉक, और दोस्तों के साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि उन्होंने पढ़ाई के साथ संतुलन बनाए रखा और हर दिन खुद को बेहतर बनाया।
शिक्षा की शानदार यात्रा
दामिनी की शैक्षणिक यात्रा अपने आप में एक मिसाल है:
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12वीं बोर्ड में टॉपर रहीं (शिमला बोर्ड)
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लेडी श्रीराम कॉलेज (DU) से अंग्रेज़ी ऑनर्स में ग्रेजुएशन
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TISS, मुंबई से एप्लाइड साइकोलॉजी में मास्टर्स
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UGC-NET परीक्षा पास की, वह भी पहले ही प्रयास में
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अब IIT कानपुर में पीएचडी, वह भी AIR-1 के साथ
यह सफर आसान नहीं था, लेकिन दामिनी ने इसे अपने हौसले और मेहनत से मुमकिन किया।
साधारण परिवार से असाधारण सफलता
दामिनी एक सामान्य परिवार से आती हैं। उनके पिता नगर निगम में सेनेटरी इंस्पेक्टर हैं और मां एक गृहणी हैं। उन्होंने बताया कि परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और मुश्किल समय में कभी साथ नहीं छोड़ा।
दामिनी मानती हैं कि आत्मविश्वास, अनुशासन और इच्छा शक्ति किसी भी सपने को साकार कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी एक व्यक्ति से प्रेरणा नहीं मिली, बल्कि जीवन में आने वाले हर व्यक्ति ने उन्हें किसी न किसी रूप में प्रेरित किया।
बेटियों के लिए प्रेरणा
दामिनी सिंह बराड़ की सफलता उन सभी बेटियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखती हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर लगन और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी परीक्षा मुश्किल नहीं होती।
निष्कर्ष
दामिनी की कहानी न सिर्फ एक छात्रा की सफलता है, बल्कि यह उस सोच की जीत है जो कहती है कि “बेटियां किसी से कम नहीं।” बिना कोचिंग, बिना शोरगुल, सिर्फ मेहनत, लगन और संतुलित जीवन शैली के दम पर उन्होंने जो हासिल किया है, वह लाखों युवाओं को प्रेरित करने के लिए काफी है।
उनकी यह यात्रा यह भी दिखाती है कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। दामिनी जैसे युवा भारत के भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं।