Gold Price Hike 2025 : इन दिनों पूरी दुनिया की नजर मध्य पूर्व के हालात पर टिकी हुई है। खासतौर पर इस्रायल और गाज़ा के बीच चल रहा तनाव और अमेरिका की भूमिका ने वैश्विक बाजारों को हिला कर रख दिया है। इसका सीधा असर अब सोने की कीमतों पर दिखाई दे रहा है। शुक्रवार की सुबह कुछ ही मिनटों में सोने की कीमत में ₹5000 तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यह साफ संकेत मिला है कि आने वाले दिनों में दाम और बढ़ सकते हैं।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत?
मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते निवेशकों का रुझान फिर से सुरक्षित निवेश की ओर मुड़ गया है। पारंपरिक रूप से जब भी वैश्विक स्तर पर संकट या अनिश्चितता का माहौल होता है, तो निवेशक जोखिम वाले शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने में निवेश करते हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.1% की तेजी के साथ 3387.99 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है, जो कि बीते कुछ दिनों का सबसे ऊंचा स्तर है।
अमेरिका की महंगाई और फेडरल रिजर्व की नीतियों का असर
सिर्फ युद्ध या तनाव की स्थिति ही नहीं, बल्कि अमेरिका में बढ़ती महंगाई और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर भी निवेशक चिंतित हैं। इस कारण से अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में भी 2% की बढ़ोतरी देखी गई और यह 3410.70 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। इससे यह साबित होता है कि वैश्विक स्तर पर सोने में मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
भारत में सोने की कीमत में ₹5000 का उछाल
इन वैश्विक घटनाओं का सीधा असर भारत के बाजार पर पड़ा है। शुक्रवार सुबह भारत में सोने की कीमत 3460 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गई, जिसका प्रभाव भारतीय रुपये में करीब ₹5000 की तेजी के रूप में देखा गया। एक ही दिन में इतनी बड़ी बढ़ोतरी बहुत असामान्य है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में काफी अस्थिरता है और जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय बहुत सोच-समझकर निर्णय लेने का है।
चांदी की कीमत में भी तेजी
सिर्फ सोना ही नहीं, बल्कि चांदी की कीमत में भी उछाल देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 37 डॉलर प्रति औंस के आसपास पहुंच गई है। इससे संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में चांदी की कीमतों में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। निवेशकों को चांदी के बाजार पर भी नजर बनाए रखने की जरूरत है।
निवेशकों के लिए क्या है जरूरी?
इस तरह की परिस्थितियों में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन एक अच्छा अवसर भी बन सकता है। अगर आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, तो सोने में निवेश करना समझदारी हो सकती है। हालांकि, यह जरूरी है कि आप बाजार की स्थितियों को बारीकी से समझें और कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस्रायल-अमेरिका के बीच तनाव और गहरा होता है, तो सोने की कीमत ₹65,000 से ₹68,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। लेकिन अगर हालात सुधरते हैं, तो कीमतों में गिरावट भी आ सकती है। ऐसे में केवल अफवाहों या भावनाओं के आधार पर निवेश न करें, बल्कि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही निर्णय लें।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है?
अगर वैश्विक स्तर पर हालात और बिगड़ते हैं, तो सोने की कीमतें और अधिक तेजी से बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर राजनीतिक स्थिरता लौटती है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी नीतियों में बदलाव करता है, तो सोने की कीमतों में संतुलन आ सकता है। निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे बाजार की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखें और सही समय पर ही निवेश का फैसला लें।
निष्कर्ष
वर्तमान समय में सोने की कीमतों में जो तेज उछाल देखा जा रहा है, वह केवल मांग और आपूर्ति का परिणाम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का संकेत है। इस्रायल और गाज़ा के बीच संघर्ष, अमेरिका की आर्थिक नीति और वैश्विक बाजार की स्थिति ने सोने को फिर से सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूती दी है।
ऐसे समय में जब बाजार अनिश्चितता से भरा हो, निवेशकों को बहुत सोच-समझकर अपने पैसे का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप सही रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह अस्थिर समय आपके लिए एक बेहतर निवेश अवसर में बदल सकता है।