Flight Crash 583 Deaths : इन दिनों पूरे देश में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की चर्चा जोरों पर है। एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हो रही थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद वह मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा बेहद खतरनाक था और इसमें कई लोगों की जान पर बन आई। राहत की बात यह रही कि बचाव कार्य समय रहते शुरू कर दिया गया और कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतिहास में इससे भी कहीं अधिक भयावह एक विमान हादसा हुआ था, जिसमें 583 लोगों की जान चली गई थी। यह अब तक का सबसे बड़ा विमान हादसा माना जाता है और इसे “टेनेरिफ विमान दुर्घटना” के नाम से जाना जाता है।
टेनेरिफ विमान हादसा – 27 मार्च 1977
27 मार्च 1977 को यह भीषण हादसा स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में स्थित टेनेरिफ नामक द्वीप पर हुआ था। इस दिन दो बड़े बोइंग 747 विमान –
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KLM रॉयल डच एअरलाइन्स फ्लाइट 4805
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पैन अमेरिकन वर्ल्ड एअरलाइन्स फ्लाइट 1736
दोनों विमान टेनेरिफ के लॉस रोडिओस एयरपोर्ट (अब टेनेरिफ नॉर्थ एयरपोर्ट) पर रनवे पर आपस में टकरा गए।
इस टक्कर में कुल 583 लोगों की मौत हो गई, जो कि विमानन इतिहास की सबसे अधिक जान गंवाने वाली घटना थी।
इस हादसे की प्रमुख वजहें
टेनेरिफ दुर्घटना एक नहीं, बल्कि कई गलतियों और परिस्थितियों के मेल से हुई थी।
सबसे पहले, लास पाल्मास एयरपोर्ट पर एक बम धमाका हुआ था, जिसकी वजह से कई विमानों को टेनेरिफ एयरपोर्ट की ओर डायवर्ट किया गया। वहां की सुविधाएं सीमित थीं और अधिक विमान आने से एयरपोर्ट पर अत्यधिक भीड़ हो गई।
इसके अलावा लॉस रोडिओस एयरपोर्ट आकार में छोटा था और धावन पथ (रनवे) और टैक्सीवे पर्याप्त नहीं थे। कई विमान रनवे पर खड़े थे जिससे गड़बड़ी और भ्रम की स्थिति बनी।
हवामान भी खराब था – घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता बहुत कम थी।
और सबसे अहम – KLM विमान के पायलट ने ATC (Air Traffic Control) की सूचना का गलत अर्थ निकाला और टेकऑफ शुरू कर दिया, जबकि पैन एम का विमान उसी रनवे पर मौजूद था।
हादसा कैसे हुआ?
KLM विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन पायलट को ऐसा लगा कि ATC ने हरी झंडी दे दी है। कोहरे की वजह से KLM विमान को सामने से आता हुआ पैन एम का विमान दिखाई नहीं दिया।
टेकऑफ के लिए दौड़ते हुए KLM विमान ने पैन एम के अगले हिस्से को जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर से दोनों विमानों में जोरदार विस्फोट हुआ और देखते ही देखते सब कुछ जलकर राख हो गया।
कितने लोग मारे गए?
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KLM विमान में मौजूद सभी 248 यात्री और क्रू मेंबर मौके पर ही मारे गए।
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पैन एम विमान में 335 लोगों की जान गई।
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केवल 61 यात्री पैन एम विमान से बच सके, क्योंकि वे विमान के आगे के हिस्से में बैठे थे और टक्कर मुख्य रूप से पीछे के हिस्से में हुई थी।
कॉकपिट की आखिरी बातचीत
इस हादसे का सबसे मार्मिक और चौंकाने वाला हिस्सा था कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में दर्ज अंतिम संवाद।
जब पैन एम के पायलट विक्टर ग्रब्स ने देखा कि सामने से KLM का विमान उनकी दिशा में आ रहा है, तो उन्होंने चीखते हुए कहा –
“बॉस, वो हमारी तरफ आ रहा है…”
और उसके तुरंत बाद दोनों विमान टकरा गए।
हादसे के बाद क्या बदला?
टेनेरिफ हादसे के बाद पूरी दुनिया में विमानन सुरक्षा को लेकर बड़े सुधार किए गए।
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ATC और पायलटों के बीच संवाद को स्पष्ट और मानकीकृत (Standard Phraseology) किया गया।
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कोई भी आदेश अब दोहराकर पक्का किया जाता है ताकि कोई भ्रम न रहे।
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रनवे पर बेहतर निगरानी के लिए Radar Surveillance और Ground Movement Systems को उन्नत किया गया।
आज जो हवाई यात्रा में सुरक्षा के इतने कड़े मानदंड दिखते हैं, उनकी नींव टेनेरिफ जैसे दर्दनाक हादसों के बाद ही पड़ी है।
अहमदाबाद हादसा – एक खतरनाक याद
हाल ही में अहमदाबाद में जो हादसा हुआ, वह सौभाग्य से टेनेरिफ जैसी त्रासदी में नहीं बदला, लेकिन इसने एक बार फिर यह बता दिया कि विमानन क्षेत्र में एक छोटी सी गलती भी बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
AI-171 विमान का यह हादसा न केवल तकनीकी चेतावनी है, बल्कि पूर्व सतर्कता और संचार की सटीकता की आवश्यकता की भी याद दिलाता है।
निष्कर्ष
टेनेरिफ विमान हादसा आज भी इतिहास की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना के रूप में जाना जाता है।
इस घटना ने दुनिया भर की एअरलाइन कंपनियों और हवाई अड्डा प्रबंधन को यह सीख दी कि हर छोटी बात का गंभीरता से पालन जरूरी है।
आज जो आधुनिक तकनीक, एटीसी संप्रेषण प्रणाली और सुरक्षा मानक हैं, वे सभी इसी तरह की घटनाओं से सबक लेकर बनाए गए हैं।
यह अत्यंत आवश्यक है कि हर देश और एअरलाइन समय-समय पर सुरक्षा प्रणाली की समीक्षा करे और उसे अपडेट करता रहे ताकि इस तरह के हादसे दोबारा न हों।