High Court Order Jobs : कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि कोई कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहा है, और विभाग में उसकी आवश्यकता भी बनी हुई है, तो उसे केवल संविदा पर रखकर उसकी सेवाओं का दोहन नहीं किया जा सकता। यह न सिर्फ कर्मचारी के मूल अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के समानता के अधिकार के भी खिलाफ है।
सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक व्यवस्थित प्रणाली बनाए और योग्य संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करे।
किन राज्यों और विभागों पर लागू होगा यह आदेश?
फिलहाल यह फैसला उस राज्य में लागू हुआ है जहां यह केस दायर हुआ था, लेकिन यह निर्णय एक मिसाल (precedent) बनकर देशभर के अन्य राज्यों को भी संविदा कर्मचारियों की स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर सकता है।
इस फैसले का असर खास तौर पर निम्नलिखित विभागों में देखने को मिल सकता है:
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शिक्षा विभाग – गेस्ट टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब असिस्टेंट आदि
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स्वास्थ्य विभाग – संविदा नर्स, टेक्नीशियन, डॉक्टर
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नगर निगम व पंचायत विभाग – सफाईकर्मी, क्लर्क, अकाउंटेंट
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ग्रामीण विकास और परिवहन विभाग
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आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता
किन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमितीकरण हर कर्मचारी के लिए नहीं होगा, बल्कि केवल योग्य और नियमों के अनुसार कार्यरत कर्मचारियों को ही इसका लाभ मिलेगा।
पात्रता की मुख्य शर्तें:
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कम से कम 5 साल की लगातार सेवा
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योग्य शैक्षणिक डिग्री या डिप्लोमा
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अच्छा सेवा रिकॉर्ड (कोई निलंबन/अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं)
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विभाग में उस पद की जरूरत हो
जरूरी दस्तावेज़ जो जमा करने होंगे
जब राज्य सरकारें इस प्रक्रिया को शुरू करेंगी, तो कर्मचारियों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
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संविदा नियुक्ति पत्र या अनुबंध
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सेवा प्रमाण पत्र (Experience Letter)
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शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
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आधार कार्ड या अन्य वैध पहचान
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चरित्र प्रमाण पत्र (Character Certificate)
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पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
कई राज्य सरकारें इस प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर सकती हैं, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी हो और समय पर पूरी हो सके।
नियमितीकरण की प्रक्रिया – चरण दर चरण
सरकार को कोर्ट के आदेशानुसार एक सक्रिय समिति (screening committee) का गठन करना होगा जो सभी आवेदनों की जांच करेगी। इसके बाद यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:
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आवेदन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
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दस्तावेज अपलोड करना
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समिति द्वारा दस्तावेजों और सेवा रिकॉर्ड की जांच
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योग्य कर्मचारियों की सूची जारी
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स्थायी नियुक्ति पत्र जारी करना
यह प्रक्रिया फेज वाइज लागू की जाएगी, यानी सभी कर्मचारियों को एक साथ नियमित नहीं किया जाएगा।
क्या हर संविदा कर्मचारी को मिलेगा फायदा?
नहीं। यह जरूरी नहीं है कि सभी संविदा कर्मचारी नियमित हो जाएं। यह आदेश केवल उन्हीं पर लागू होगा जो:
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लंबे समय से कार्यरत हैं
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जिनका सेवा रिकॉर्ड अच्छा है
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और जिनकी पोस्ट की विभाग को आवश्यकता है
साथ ही, राज्य सरकार की नीति और बजटीय स्थिति भी इसमें अहम भूमिका निभाएगी।
यह फैसला क्यों है ऐतिहासिक?
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संविदा कर्मचारियों को पहली बार संवैधानिक संरक्षण मिला है
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न्यायालय ने सरकार को अनुबंध व्यवस्था के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए बाध्य किया है
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यह निर्णय लाखों कर्मचारियों की जिंदगी बदल सकता है, जिन्हें अब तक हर साल कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू का इंतजार करना पड़ता था
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इससे कर्मचारियों को मिलेगा – बेहतर वेतन, सरकारी लाभ, स्थायित्व और सामाजिक सम्मान
निष्कर्ष
हाई कोर्ट का यह फैसला उन सभी संविदा कर्मचारियों के लिए नई सुबह लेकर आया है जो वर्षों से अस्थायी स्थिति में सेवा दे रहे हैं। यदि आप इस श्रेणी में आते हैं, तो आपको इस फैसले का लाभ उठाने के लिए सजग रहना चाहिए। जैसे ही आपके राज्य में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो, तुरंत अपने दस्तावेज तैयार करें और आवेदन करें।
यह फैसला न सिर्फ कर्मचारियों के हित में है, बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी बेहतर प्रबंधन और स्थिर कार्यबल सुनिश्चित करेगा।