Bihar Monsoon 2025 : पूर्णिया। बिहार में इन दिनों मौसम में बदलाव तो जरूर देखा जा रहा है, लेकिन मानसून का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। उत्तर-पूर्व भारत में मानसून लगभग दो हफ्ते पहले ही पहुंच गया था, लेकिन अनुकूल परिस्थितियों की कमी के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका है। यही वजह है कि बिहार समेत सीमांचल के इलाकों में मानसून का प्रवेश अब तक नहीं हो पाया है।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन से मौसम में बदला मिजाज
हालांकि, बंगाल की खाड़ी के पास बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर बिहार में महसूस किया गया है। इसकी वजह से पूर्णिया, किशनगंज और आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में मौसम का मिजाज बदला है। खासकर सीमावर्ती इलाकों में हल्की बारिश हुई है, जिससे तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। बावजूद इसके, उमस ने लोगों की परेशानी को कम नहीं होने दिया है।
पूर्णिया में बदली हवाओं ने दिलाई थोड़ी राहत
सोमवार को पूर्णिया जिले में दोपहर बाद हवा की दिशा बदलने और आसमान में बादल छाने से लोगों को कुछ राहत मिली। जिले के पूर्वी हिस्सों में बारिश भी देखने को मिली। डगरूआ इलाके में बीते 24 घंटे में 27.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि जिला मुख्यालय में केवल नाममात्र वर्षा हुई। हालांकि, इस हल्की बारिश से अधिकतम तापमान में लगभग तीन डिग्री की कमी आई है।
तापमान में गिरावट, पर नहीं घटी उमस
मौसम केंद्र, पूर्णिया के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सहायक मौसम विज्ञानी राकेश कुमार ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण सीमांचल क्षेत्र में तेज हवाएं और बादल देखे गए। कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा भी दर्ज की गई, लेकिन इससे गर्मी से पूरी तरह राहत नहीं मिली।
48 से 72 घंटे और करना होगा इंतजार
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बिहार में मानसून के प्रवेश के लिए अभी 48 से 72 घंटे का और इंतजार करना होगा। इस दौरान आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, तेज हवा चलने की संभावना बनी रहेगी। कुछ जगहों पर वज्रपात और गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इससे तापमान में थोड़ी और गिरावट आ सकती है, जिससे लोगों को आंशिक राहत मिलने की उम्मीद है।
गर्मी और उमस से बेहाल लोग
पिछले करीब पंद्रह दिनों से बिहार के लोग झुलसाने वाली गर्मी से परेशान हैं। दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होने के कारण लोग रात में भी चैन से नहीं सो पा रहे हैं। तापमान कई जगहों पर 38 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
मानसून की सुस्त चाल बनी चिंता की वजह
मानसून देश में जून के पहले सप्ताह में ही प्रवेश कर गया था और तेजी से उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़कर सिक्किम तक पहुंचा। लेकिन, उसके बाद मानसून का उत्तर-पूर्वी सिरा निष्क्रिय हो गया और वह वहीं पर रुक गया। यही कारण है कि बिहार में अब तक इसका प्रभाव नहीं दिखा। यही स्थिति पिछले साल भी देखने को मिली थी, जब मानसून ने सीमांचल के रास्ते करीब 19 दिनों की देरी से 20 जून को राज्य में दस्तक दी थी। इस बार भी वैसी ही स्थिति बनती नजर आ रही है।
क्या रहेगा अगले कुछ दिनों में मौसम का हाल?
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले कुछ दिनों तक बिहार के सीमांचल इलाके में आंशिक बादल, गरज-चमक, तेज हवा और हल्की बारिश की स्थिति बनी रहेगी। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट होगी लेकिन उमस की स्थिति बनी रहेगी। किसानों के लिए यह एक अहम समय है, क्योंकि बारिश की कमी के कारण बुवाई कार्य प्रभावित हो सकता है।
निष्कर्ष
बिहार में मानसून का प्रवेश फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गया है। हालांकि साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते मौसम में हल्का बदलाव देखा जा रहा है। आने वाले 48 से 72 घंटे मानसून की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होंगे। मौसम विभाग की मानें तो इसके बाद ही मानसून सीमांचल और अन्य हिस्सों में प्रवेश कर सकता है। तब तक लोगों को गर्मी और उमस से जूझना पड़ेगा। मानसून के समय पर पहुंचने की उम्मीद के साथ ही सबकी निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई हैं।