Top Colleges In India : भारत में अनेक ऐसे शहर हैं जो किसी न किसी क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। लेकिन यदि हम शिक्षा की बात करें तो उत्तर प्रदेश का प्राचीन शहर वाराणसी एक अलग ही स्थान रखता है। इसे ‘सर्व विद्या की राजधानी’ और ‘ज्ञान नगरी’ कहा जाता है। यह शहर न केवल आध्यात्मिकता और धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का भी केंद्र है।
वाराणसी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ यहां की शैक्षणिक व्यवस्था भी इसे विशेष बनाती है। यह शहर 16 विद्याओं के केंद्र के रूप में जाना जाता है और यहां 5 प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ-साथ 200 से अधिक डिग्री कॉलेज स्थित हैं। हर साल लाखों छात्र भारत ही नहीं, विदेशों से भी शिक्षा प्राप्त करने यहां आते हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 1916 में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय ना केवल उत्तर भारत का बल्कि पूरे देश का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है। BHU में विज्ञान, कला, चिकित्सा, आयुर्वेद, प्रबंधन, कृषि, कानून आदि क्षेत्रों में सैकड़ों कोर्स उपलब्ध हैं।
BHU की फैकल्टी, अत्याधुनिक रिसर्च लैब्स, पुस्तकालय और आवासीय परिसर इसे वैश्विक स्तर पर ख्यातिप्राप्त बनाते हैं। NIRF Ranking 2024 में इसे पांचवां स्थान मिला है, जो इसकी गुणवत्ता को दर्शाता है। यहां हर साल लाखों छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं और प्रवेश के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करते हैं।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP)
वाराणसी का एक और महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय है महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ। इसकी स्थापना 1921 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रवादियों द्वारा की गई थी। यह विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और वैचारिक दृष्टिकोण से भी एक प्रमुख केंद्र है।
MGKVP से लगभग 400 कॉलेज संबद्ध हैं। यहां कला, विज्ञान, वाणिज्य, पत्रकारिता, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान जैसे विषयों में पढ़ाई कराई जाती है। भारत के कई प्रतिष्ठित नेता जैसे लाल बहादुर शास्त्री, आचार्य नरेंद्र देव, बाबू सम्पूर्णानन्द ने यहां से शिक्षा प्राप्त की है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
यदि आप संस्कृत और वैदिक शिक्षा में रुचि रखते हैं, तो सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर संस्कृत शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाती है।
यह विश्वविद्यालय वेद, व्याकरण, ज्योतिष, दर्शन, संस्कृत साहित्य और प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति पर आधारित कोर्स कराता है। यहां पढ़ने वाले छात्रों में एक बड़ी संख्या विदेशी छात्रों की भी होती है, जो भारतीय संस्कृति और दर्शन को करीब से समझने के लिए यहां आते हैं।
केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान, सारनाथ
सारनाथ में स्थित केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान एक अद्वितीय विश्वविद्यालय है जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन संचालित होता है। यह संस्थान तिब्बती संस्कृति, बौद्ध धर्म, पाली भाषा, दर्शन और इतिहास में शिक्षा प्रदान करता है।
इस विश्वविद्यालय की खासियत यह है कि यह पारंपरिक शिक्षा को आधुनिक पद्धति से जोड़ता है। यहां भारत और दुनिया भर से छात्र आते हैं और बौद्ध दर्शन में गहराई से अध्ययन करते हैं। यह संस्था भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता का एक सुंदर उदाहरण है।
अल-जामिया-तुस-सलाफिया
अल-जामिया-तुस-सलाफिया वाराणसी का एक प्रमुख इस्लामिक शिक्षण संस्थान है। इसकी स्थापना 1967 में जमीयत अहले हदीस हिंद द्वारा की गई थी। यह संस्थान कुरान, हदीस, शरिया, अरबी भाषा और इस्लामी दर्शन में उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
यह न केवल धार्मिक शिक्षा केंद्र है, बल्कि मुस्लिम युवाओं के लिए नैतिक और वैचारिक मार्गदर्शन का भी माध्यम है। यहां छात्रों को परंपरागत इस्लामी ज्ञान के साथ आधुनिक सोच की दिशा में भी शिक्षित किया जाता है।
अन्य प्रमुख शिक्षण संस्थान
इन विश्वविद्यालयों के अलावा भी वाराणसी में कई प्रतिष्ठित कॉलेज हैं जो पूर्वांचल विश्वविद्यालय या अन्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। जैसे –
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डीएवी पीजी कॉलेज
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हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज
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आर्य महिला महाविद्यालय
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यूपी कॉलेज
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नेशनल डिग्री कॉलेज
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एम्बिशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
ये संस्थान वाराणसी को एक संपूर्ण शैक्षणिक शहर बनाने में योगदान देते हैं। यहां कला, विज्ञान, वाणिज्य, तकनीकी, शिक्षाशास्त्र और व्यवसाय प्रबंधन से संबंधित पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है।
निष्कर्ष
वाराणसी को केवल धार्मिक या आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखना इसकी पहचान को सीमित करना होगा। यह शहर एक समृद्ध शैक्षणिक विरासत का केंद्र है, जहां प्राचीन और आधुनिक शिक्षा का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। यहां की विविधता, संस्कृति और शिक्षा व्यवस्था इसे ‘सर्व विद्या की राजधानी’ का दर्जा दिलाती है।