Waterfall After Rain : राजस्थान में मानसून की समय से पहले दस्तक ने न केवल लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी है, बल्कि जिले के कई प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों को भी जीवन्तता से भर दिया है। खासतौर पर गौतमेश्वर तीर्थ और मेनाल झरना जैसे स्थल इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
गौतमेश्वर: जनजातीय समाज का पावन तीर्थ स्थल
प्रतापगढ़ जिले के अरनोद क्षेत्र की पहाड़ियों में स्थित गौतमेश्वर तीर्थ को आदिवासी समाज में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे “आदिवासियों का हरिद्वार” भी कहा जाता है, जहां लोग वर्षों से खंडित शिवलिंग की विधिवत पूजा करते आ रहे हैं। यहां मानसून की झमाझम बारिश ने प्राकृतिक सौंदर्य को चार चांद लगा दिए हैं।
पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते यहां का प्रसिद्ध 300 फीट ऊंचा झरना बहने लगा है। हरियाली से ढंकी पहाड़ियां, कलकल बहती जलधाराएं और मंदिर परिसर में गूंजते भजन श्रद्धालुओं के मन को अध्यात्मिक शांति प्रदान कर रहे हैं। गुरुवार सुबह का दृश्य किसी पहाड़ी हिल स्टेशन जैसा प्रतीत हो रहा था, जब बादलों की परतें पहाड़ियों को छू रही थीं और पानी की धाराएं देवभूमि का अहसास करा रही थीं।
यह तीर्थ स्थल इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि यहां शिवलिंग खंडित अवस्था में है, फिर भी पूरी विधिपूर्वक पूजा होती है, जो इसे सामान्य शिवालयों से अलग बनाता है। श्रद्धालु यहां स्नान को पापमोचन मानते हैं और विशेष पर्वों व त्योहारों पर हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
कृषि और जल स्रोतों को मिला संजीवनी
गौतमेश्वर के आस-पास के क्षेत्र में पानी की अच्छी आवक देखी जा रही है। बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है और किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई की आशा बंधी है। यह समय फसलों के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है और मानसून की सक्रियता किसानों के लिए राहत का संकेत बनकर आई है।
मेनाल झरना: पर्यटकों का बना आकर्षण का केंद्र
चित्तौड़गढ़-कोटा नेशनल हाईवे पर स्थित बेगूं तहसील के रावड़दा ग्राम पंचायत में स्थित मेनाल झरना भी इन दिनों बारिश के कारण पूरी रफ्तार से बह रहा है। यह झरना करीब 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है और लगातार दो दिन से हो रही तेज बारिश ने इसे पूरे बहाव पर ला दिया है।
सरपंच राजकुमार सेन के अनुसार, भारी बारिश के चलते झरने में पानी की भरपूर आवक हो चुकी है और आस-पास की हरियाली भी खूब निखर आई है। अब यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी घूमने और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का एक बेहतरीन स्थान बन गया है।
धार्मिक आस्था और पर्यटन का संगम
गौतमेश्वर तीर्थ और मेनाल झरना दोनों ही स्थल न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े हैं, बल्कि प्राकृतिक खूबसूरती के भी अद्भुत उदाहरण हैं। जहां एक ओर गौतमेश्वर जनजातीय संस्कृति और परंपरा का केंद्र है, वहीं दूसरी ओर मेनाल झरना रोमांच और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार स्थल बन चुका है।
बारिश के चलते दोनों स्थानों की रौनक में वृद्धि हुई है, जिससे इन स्थलों की महत्ता और भी अधिक बढ़ गई है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे स्थलों पर सुविधाएं और सुरक्षा को मजबूत करे ताकि श्रद्धालु और पर्यटक इन स्थानों का आनंद सुरक्षित ढंग से उठा सकें।
निष्कर्ष
राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला इस समय प्रकृति और भक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रहा है। मानसून की बारिश ने जहां खेतों को सींचा है, वहीं गौतमेश्वर और मेनाल जैसे तीर्थ व पर्यटन स्थल जीवंत हो उठे हैं। आने वाले दिनों में यदि बारिश का यह सिलसिला बना रहा, तो न केवल खेती को बल मिलेगा, बल्कि धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर भी लोगों की भीड़ बढ़ेगी। यह समय है प्रकृति की गोद में कुछ पल सुकून के बिताने का – और इन स्थलों की यात्रा करने का।