अब 13 भाषाओं में हो रही है JEE, NEET और CUET की परीक्षाएं, भाषा विरोध के बीच बोले अमित शाह NEET Language Options

By Shruti Singh

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NEET Language Options

NEET Language Options : हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश में भाषाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण और व्यापक बयान दिया है। उन्होंने न केवल हिंदी बल्कि सभी भारतीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए यह स्पष्ट किया कि देश में भाषाओं के माध्यम से एकजुटता लाई जा सकती है, न कि विभाजन।

प्रतियोगी परीक्षाओं में भाषाई विकल्पों का विस्तार

गृहमंत्री ने बताया कि आज देश में होने वाली बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे कि JEE, NEET और CUET अब 13 भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं। यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले इन परीक्षाओं को केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही दिया जा सकता था। अब देश के लाखों छात्र अपनी मातृभाषा में परीक्षा देकर आगे बढ़ने का मौका पा रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पहले CAPF कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में केवल हिंदी और अंग्रेजी के विकल्प ही उपलब्ध होते थे। लेकिन अब उम्मीदवारों को 13 भाषाओं में परीक्षा देने की छूट दी गई है। इससे न केवल भाषाओं को बढ़ावा मिला है, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के छात्रों के लिए सरकारी नौकरियों का रास्ता भी आसान हुआ है।

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गृहमंत्री ने यह भी साझा किया कि अब 95% अभ्यर्थी अपनी मातृभाषा में परीक्षा देना पसंद कर रहे हैं। यह आंकड़ा यह दिखाता है कि भारतीय भाषाओं का भविष्य न केवल उज्ज्वल है बल्कि यह हमारे समाज की जड़ों से भी जुड़ा हुआ है।

हिंदी बनाम भारतीय भाषाएं: एक मिथक

अमित शाह ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं दिल से मानता हूं कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हो सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है।” यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में भाषा को लेकर विरोध और बहस चल रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं मिलकर देश के स्वाभिमान कार्यक्रम को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकती हैं। यह सोच यह संकेत देती है कि हिंदी का उद्देश्य किसी भाषा को दबाना नहीं बल्कि सभी भाषाओं के साथ मिलकर आगे बढ़ना है।

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भाषाएं हों भारत को जोड़ने का माध्यम

अपने भाषण में अमित शाह ने इस बात पर अफसोस जताया कि पिछले कुछ दशकों में भाषा को भारत को बांटने के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, “वे भारत को भाषाओं के नाम पर तोड़ नहीं पाए, लेकिन ऐसी कोशिशें की गईं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि हम भाषाओं को भारत को जोड़ने का सशक्त माध्यम बनाएं।

इसके लिए उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत सरकार का आधिकारिक भाषा विभाग इस दिशा में कार्य करेगा और भाषाओं को लेकर सकारात्मक वातावरण तैयार करेगा। उनका मानना है कि आने वाले समय में भाषाएं भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी।

2047 तक महान भारत का सपना

गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि जिस नींव को मोदी जी के नेतृत्व में रखा गया है, वह 2047 तक एक महान भारत के निर्माण की दिशा में काम करेगी। इस महान भारत की परिकल्पना में भारतीय भाषाओं की समृद्धि, विकास और उपयोग अहम होगा।

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राज्य सरकारों को भी जोड़ने की कोशिश

अमित शाह ने इस बात पर भी बल दिया कि भारतीय भाषाओं का अधिकतम उपयोग सिर्फ केंद्र सरकार तक सीमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपनी स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दें और सरकारी कार्यों में इनका अधिक से अधिक उपयोग करें। इसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों से संवाद स्थापित करेगी और उन्हें इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

निष्कर्ष

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का यह भाषण भारतीय भाषाओं को लेकर एक सकारात्मक और समावेशी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उनका यह संदेश न केवल भाषाई विविधता को स्वीकार करता है बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि देश की भाषाएं हमारी एकता और आत्मगौरव की पहचान हैं।

आज जब पूरा देश 2047 के अमृत काल की ओर बढ़ रहा है, ऐसे समय में यह ज़रूरी है कि हम अपनी भाषाओं को सिर्फ बोलचाल का माध्यम न मानें, बल्कि उन्हें राष्ट्र निर्माण के एक शक्तिशाली औजार के रूप में देखें। यही विचार हमें एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाएगा।

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Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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