CBSE Skill Courses 2025 : CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिसका मकसद बच्चों की शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उन्हें व्यावहारिक और व्यावसायिक कौशल सिखाना है। अब कक्षा 6 से 8 तक के सभी छात्र कम से कम एक स्किल बेस्ड विषय अनिवार्य रूप से पढ़ेंगे। इस नई नीति के तहत छात्र अपनी रुचि के अनुसार 33 अलग-अलग स्किल कोर्स चुन सकेंगे, जिनमें A फॉर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), B फॉर ब्यूटी, C फॉर कोडिंग जैसे विकल्प शामिल हैं।
यह बदलाव शिक्षा को और अधिक प्रैक्टिकल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कोविड महामारी के बाद शिक्षा की जरूरतें बदली हैं, और CBSE ने इन्हीं बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पहल को लागू किया है।
स्किल बेस्ड पढ़ाई क्या है?
स्किल बेस्ड पढ़ाई का अर्थ है ऐसी शिक्षा जो बच्चों को सिर्फ पढ़ाई-लिखाई तक सीमित न रखे, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन में काम आने वाले हुनर सिखाए। जैसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, खाना बनाना, सिलाई-कढ़ाई, फाइनेंशियल नॉलेज, मेडिकल की बेसिक जानकारी आदि। इससे बच्चे न केवल अपने करियर के लिए तैयार होंगे, बल्कि आत्मनिर्भर और जीवन में सक्षम भी बनेंगे।
कौन-कौन से विषय शामिल हैं?
CBSE ने स्किल बेस्ड विषयों की एक विस्तृत सूची जारी की है, जिनमें से बच्चे अपनी रुचि और सुविधा के अनुसार कोर्स चुन सकते हैं। ये विषय विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हैं:
तकनीक और कंप्यूटर से जुड़े विषय
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
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कोडिंग
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डेटा साइंस (केवल कक्षा 8 के लिए)
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सूचना प्रौद्योगिकी
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डिजाइन थिंकिंग
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सैटेलाइट और रॉकेट्स
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ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी
मेडिकल और स्वास्थ्य से जुड़े विषय
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दवाइयों को घर में सुरक्षित रखने के तरीके
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जब डॉक्टर पास न हो तो क्या करें
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कोविड-19 और मानवता
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दवा और वैक्सीन का जीवन चक्र
कला, हस्तशिल्प और संस्कृति से जुड़े विषय
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ब्लू पॉटरी (नीली मिट्टी की कला)
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कढ़ाई
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खादी
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मास्क बनाना
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ग्राफिक नॉवेल बनाना
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ब्यूटी एंड वेलनेस
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हैंडीक्राफ्ट
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हर्बल हेरिटेज
खाना और सेहत से जुड़े विषय
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खाना बनाना
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बेकिंग
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फूड प्रिजर्वेशन
पैसा और मीडिया से जुड़े विषय
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फाइनेंशियल लिटरेसी (पैसे की समझ)
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मार्केटिंग
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मास मीडिया
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मीडिया लिटरेसी
क्यों जरूरी है ये बदलाव?
आज की दुनिया तेजी से बदल रही है। सिर्फ किताबी ज्ञान से बच्चों का विकास पूरा नहीं हो पाता। उन्हें व्यावहारिक ज्ञान, तकनीकी कौशल, और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए तैयार होना भी जरूरी है। CBSE की यह नई पहल बच्चों को:
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आत्मनिर्भर बनाएगी।
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तकनीक से लैस करेगी।
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भविष्य के लिए बेहतर तैयार करेगी।
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रचनात्मक और व्यावहारिक सोच को बढ़ावा देगी।
इस नई शिक्षा नीति के तहत बच्चे न केवल स्कूल के अंदर, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा, यह पहल बच्चों को नौकरी, व्यवसाय या स्वतंत्र उद्यमशीलता की ओर भी प्रेरित करेगी।
इस पहल से क्या लाभ होंगे?
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व्यावहारिक ज्ञान: बच्चे किताबों के अलावा तकनीकी और जीवन से जुड़े कौशल सीखेंगे।
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रोजगार के अवसर: नई तकनीक और स्किल सीखने से बच्चे भविष्य में अच्छे रोजगार पा सकेंगे।
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रचनात्मकता का विकास: कला, हस्तशिल्प, और डिजाइनिंग से बच्चों में रचनात्मक सोच आएगी।
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स्वास्थ्य और जीवन कौशल: मेडिकल और हेल्थ से जुड़ी जानकारियां बच्चों को स्वस्थ और जागरूक बनाएंगी।
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आत्मनिर्भरता: पैसे की समझ, मार्केटिंग और मीडिया लिटरेसी से बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे।
कैसे चुनें स्किल कोर्स?
CBSE ने 33 कोर्स उपलब्ध कराए हैं। बच्चे अपनी रुचि, क्षमता और भविष्य के लक्ष्यों के अनुसार इनमें से किसी एक या अधिक कोर्स को चुन सकते हैं। स्कूल प्रशासन भी बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देगा ताकि वे अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकें।
निष्कर्ष
CBSE की यह नई स्किल बेस्ड पढ़ाई की नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह कदम बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान से ऊपर उठाकर उन्हें व्यावहारिक, तकनीकी और जीवन कौशल सिखाने का अवसर देगा। इससे भविष्य में वे बेहतर करियर विकल्प चुन सकेंगे और जीवन की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास के साथ कर पाएंगे।
बच्चों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है जो उनके व्यक्तित्व और करियर दोनों को मजबूत बनाए। CBSE की यह पहल इसी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है जो आने वाले वर्षों में देश के शिक्षा स्तर और युवा शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।