NEET Success Story : NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करना हर मेडिकल छात्र का सपना होता है। लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए लक्ष्य स्पष्ट होना और निरंतर परिश्रम करना बेहद आवश्यक होता है। आज हम आपको एक ऐसी ही छात्रा की प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने NEET UG 2025 की परीक्षा में देशभर में 84वीं रैंक हासिल की है और कर्नाटक राज्य में 7वीं रैंक प्राप्त करके अपने परिवार, स्कूल और जिले का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं केजी निधि की।
कोडागु जिले से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान
केजी निधि कर्नाटक के कोडागु जिले के सोमवारपेट तालुक के बेट्टाडल्ली गांव की रहने वाली हैं। एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। निधि ने NEET 2025 की परीक्षा में 720 में से 648 अंक प्राप्त किए हैं, जो उनकी कड़ी मेहनत, लगन और संकल्प का स्पष्ट प्रमाण है।
शिक्षा की शुरुआत और नवोदय विद्यालय का योगदान
निधि की शिक्षा की शुरुआत श्रीमंगला के जेसी प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने नवोदय विद्यालय, गलीबीडू (मदिकेरी) से माध्यमिक शिक्षा पूरी की। नवोदय विद्यालय जैसे संस्थानों का ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने में जो योगदान होता है, उसका प्रत्यक्ष उदाहरण निधि की सफलता है। स्कूल के समय से ही वह पढ़ाई में बेहद अनुशासित और समर्पित रही हैं।
NEET और CET दोनों में शानदार प्रदर्शन
NEET में जबरदस्त अंक हासिल करने के साथ-साथ निधि ने कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) में भी 550वीं रैंक हासिल की है। यह दिखाता है कि निधि की तैयारी केवल एक परीक्षा तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने समग्र रूप से अपने ज्ञान और स्किल्स को निखारा है। यह बहुआयामी तैयारी ही उनकी सफलता की प्रमुख वजह बनी।
पीयूसी से ही शुरू की नीट की तैयारी
निधि फिलहाल मंगलुरु में प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (PUC) की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने NEET की तैयारी PUC के पहले वर्ष से ही शुरू कर दी थी। समय प्रबंधन, नियमित अभ्यास और कठिन विषयों को समझने के लिए अतिरिक्त समय देना, यह सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा।
कॉलेज और परिवार का मिला भरपूर सहयोग
सफलता के पीछे केवल एक व्यक्ति का योगदान नहीं होता, बल्कि उसके आसपास के लोगों की भी भूमिका अहम होती है। निधि का मानना है कि उनके कॉलेज और परिवार ने उन्हें हर मोड़ पर सहयोग दिया। चाहे वह मानसिक रूप से सशक्त बनाए रखने की बात हो या पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने की, हर स्तर पर उन्हें पूरा समर्थन मिला। उन्होंने यह भी कहा कि बिना माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग के यह संभव नहीं हो पाता।
मेडिकल क्षेत्र में जाने का सपना बचपन से
निधि ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही मेडिकल क्षेत्र में जाने का सपना देखा था। डॉक्टर बनने की इच्छा ने उन्हें लगातार प्रेरित किया और यही प्रेरणा उन्हें कठिन समय में भी आगे बढ़ने की शक्ति देती रही। NEET की तैयारी के दौरान उन्होंने कभी भी अपने लक्ष्य को आंखों से ओझल नहीं होने दिया।
निरंतर परिश्रम और आत्मविश्वास बना सफलता की कुंजी
निधि का मानना है कि कोई भी लक्ष्य अगर साफ और स्पष्ट हो, तो उसे पाने के लिए मेहनत करना आसान हो जाता है। उन्होंने हर दिन एक लक्ष्य तय करके पढ़ाई की, कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान दिया और मॉक टेस्ट तथा प्रैक्टिस पेपर के माध्यम से तैयारी को मजबूत किया। उनका आत्मविश्वास और लगातार की गई मेहनत ही उनकी सफलता की असली कुंजी बनी।
प्रेरणास्रोत परिवार
निधि के पिता श्री गणपति जिला सशस्त्र रिजर्व बल, मदिकेरी में एएसआई के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता गुणवती जक्कनल्ली सरकारी विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं। एक अनुशासित और शिक्षित परिवारिक वातावरण ने निधि को प्रारंभ से ही पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने और अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित किया।
भविष्य की योजनाएं
निधि अब मेडिकल के क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करेंगी और एक कुशल डॉक्टर बनने की दिशा में अग्रसर हैं। उनका सपना है कि वह एक ऐसी डॉक्टर बनें जो समाज की सेवा कर सके और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना सके।
निष्कर्ष
केजी निधि की सफलता न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, आत्मविश्वास बना रहे और मेहनत में कोई कसर न हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। NEET जैसी परीक्षा में सफलता पाना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं।