MP ESB Exam 2025 :
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा आयोजित की जाने वाली आगामी परीक्षाएं अब संकट के दौर से गुजर रही हैं। राज्यभर में ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए नियुक्त किए गए परीक्षा केंद्रों ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनका 2.70 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान जल्द नहीं किया गया, तो वे आगामी परीक्षाओं का संचालन नहीं करेंगे। यह स्थिति न केवल परीक्षार्थियों के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि राज्य की परीक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है।
क्या है मामला?
प्रदेशभर के सैकड़ों एग्जाम सेंटर्स, जो मुख्य रूप से निजी कॉलेजों और संस्थानों की कंप्यूटर लैब से संचालित होते हैं, ईएसबी द्वारा आयोजित विभिन्न ऑनलाइन परीक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन फिलहाल ये सभी परीक्षा केंद्र एक गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।
इन केंद्रों का कहना है कि पूर्व परीक्षा एजेंसी “एडयूकेटी” द्वारा अब तक 2.70 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है। यह बकाया पिछली परीक्षाओं के आयोजन से जुड़ा हुआ है, जिसका भुगतान एजेंसी को केंद्रों को निर्धारित समयसीमा के अंदर करना था।
कैसे होती थी पहले पेमेंट व्यवस्था?
परीक्षा केंद्रों को सामान्यतः परीक्षा आयोजन के लिए पहले 25% राशि एडवांस में दी जाती थी, और शेष 75% का भुगतान परीक्षा समाप्त होने के 30 दिनों के भीतर किया जाता था। लेकिन इस बार यह व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। एडयूकेटी एजेंसी द्वारा न तो एडवांस दिया गया और न ही परीक्षा के बाद भुगतान किया गया।
अब ईएसबी ने एजेंसी बदल दी है और एक नई एजेंसी को नियुक्त कर दिया गया है, लेकिन पुराने बकायों को लेकर न तो कोई स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं और न ही भुगतान की कोई ठोस योजना सामने आई है।
क्या कहते हैं एग्जाम सेंटर्स?
राज्यभर के परीक्षा केंद्रों ने एक स्वर में कहा है कि जब तक उनका बकाया भुगतान नहीं किया जाता, वे किसी भी आगामी परीक्षा का संचालन नहीं करेंगे।
एटीपीआई (Association of Technical and Professional Institutes) के कोऑर्डिनेटर केशव जैन ने साफ तौर पर कहा कि परीक्षा केंद्रों को संचालन में बिजली, इंटरनेट, तकनीकी स्टाफ, और उपकरणों की मरम्मत जैसे कई खर्चों का सामना करना पड़ता है। बिना भुगतान के यह सब जारी रखना संभव नहीं है। उनका कहना है, “हम पर दबाव बनाकर परीक्षा नहीं कराई जा सकती। पहले भुगतान हो, फिर हम सहयोग को तैयार हैं।”
कौन-कौन सी परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं?
अगर यह संकट जल्द नहीं सुलझा, तो जुलाई 2025 में प्रस्तावित कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं का आयोजन रुक सकता है। इनमें शामिल हैं:
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पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग परीक्षा
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एमएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा
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प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (PAT)
इन सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र निजी कॉलेजों के कंप्यूटर लैब में बनाए गए हैं। यदि इन केंद्रों ने संचालन से इनकार कर दिया, तो हजारों विद्यार्थियों को परीक्षा देने का अवसर नहीं मिलेगा।
ईएसबी की स्थिति और प्रयास
हाल ही में इस मामले को लेकर ईएसबी के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए. हेमलता की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में परीक्षा केंद्रों के संचालकों को आश्वासन दिया गया कि उनकी समस्या को प्राथमिकता पर हल किया जाएगा और बकाया भुगतान जल्द कराया जाएगा। हालांकि, अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे परीक्षा केंद्रों की नाराजगी बरकरार है।
क्या हो सकते हैं इसके दूरगामी परिणाम?
यदि यह विवाद समय रहते नहीं सुलझा तो इससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठेंगे। राज्य में हर साल लाखों विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं और ये परीक्षाएं उनके करियर के लिए बेहद अहम होती हैं।
वहीं दूसरी ओर, परीक्षा केंद्रों का कहना है कि यदि इस बार उनका बकाया समय पर नहीं दिया गया, तो वे भविष्य में भी किसी प्रकार की परीक्षा में भाग नहीं लेंगे। इससे आने वाले महीनों में भी परीक्षा संचालन पर संकट बना रह सकता है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश ईएसबी की आगामी परीक्षाओं को लेकर उत्पन्न हुआ यह संकट प्रशासनिक लापरवाही और पूर्व एजेंसी की असफलता का परिणाम है। अब यह जरूरी हो गया है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा केंद्रों का भुगतान शीघ्र करें, ताकि समय पर परीक्षाएं आयोजित की जा सकें और छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।