CIBIL Score Loan Rule : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2025 के लिए सिबिल स्कोर और लोन प्रक्रिया से जुड़े कुछ अहम और राहत भरे नियम लागू किए हैं, जो लाखों भारतीयों के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हो सकते हैं। अब तक जिन लोगों को खराब CIBIL स्कोर के कारण बार-बार लोन रिजेक्ट हो जाते थे, उनके लिए यह नए नियम उम्मीद की किरण लेकर आए हैं।
RBI का यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए वरदान है जो महामारी या आर्थिक संकट के कारण अपने क्रेडिट स्कोर को बनाए नहीं रख सके, लेकिन अब उन्होंने अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार लिया है।
अब सिर्फ CIBIL स्कोर के आधार पर नहीं होगा लोन रिजेक्ट
RBI के नए नियमों के अनुसार, अब कोई भी बैंक केवल आपके CIBIL स्कोर को देखकर लोन रिजेक्ट नहीं कर सकता। बैंकों को अब लोन आवेदक की पूरी आर्थिक स्थिति का आकलन करना होगा जिसमें शामिल हैं:
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मासिक आय
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मौजूदा EMI का बोझ
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नौकरी या व्यवसाय की स्थिरता
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बैंकिंग व्यवहार और वित्तीय अनुशासन
इससे उन लोगों को फायदा होगा जिनका स्कोर कम है लेकिन वर्तमान में वे आर्थिक रूप से स्थिर हैं। अब केवल एक संख्या (CIBIL स्कोर) के आधार पर लोन नकारने की प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है।
लोन रिजेक्शन में पारदर्शिता अनिवार्य
RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि कोई बैंक किसी का लोन आवेदन रिजेक्ट करता है तो उसे उस ग्राहक को रिजेक्शन का स्पष्ट कारण SMS, ईमेल या कॉल के माध्यम से बताना होगा। इतना ही नहीं, हर महीने बैंकों को सभी रिजेक्ट किए गए लोन आवेदनों की डिटेल रिपोर्ट RBI को भी भेजनी होगी।
इससे पहले अधिकांश मामलों में ग्राहकों को यह जानकारी ही नहीं मिलती थी कि उनका लोन क्यों खारिज किया गया। इस बदलाव से पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहक अपनी गलतियों को सुधार सकेंगे।
अब मुफ्त में चेक कर सकेंगे अपना CIBIL स्कोर
RBI ने बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो को यह निर्देश भी दिया है कि वे हर ग्राहक को महीने में एक बार मुफ्त में उनका CIBIL स्कोर और पूरी क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
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बैंक अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर यह सुविधा देना अनिवार्य होगा
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ग्राहक बिना कोई शुल्क दिए स्कोर और रिपोर्ट देख सकते हैं
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रिपोर्ट में कोई त्रुटि होने पर उसे सुधारने का अधिकार भी ग्राहकों को होगा
पहले CIBIL स्कोर देखने के लिए शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब यह सेवा सभी ग्राहकों के लिए निःशुल्क कर दी गई है।
शिकायतों के समाधान में जवाबदेही तय
अब बैंक और क्रेडिट ब्यूरो ग्राहक की किसी भी शिकायत को अनदेखा नहीं कर सकते। नए नियमों के अनुसार:
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बैंक को 21 दिनों के अंदर शिकायत का समाधान करना होगा
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क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिनों के अंदर समाधान देना होगा
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तय समय सीमा में शिकायत का निपटारा न करने पर बैंक पर प्रति दिन ₹100 का जुर्माना लगेगा
इसके अलावा, अगर कोई संस्था किसी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित करती है, तो उसे पहले नोटिस, कॉल या SMS के माध्यम से कई बार चेतावनी देना अनिवार्य होगा।
ग्राहकों को मिले नए अधिकार
RBI के इन नए दिशा-निर्देशों से ग्राहकों को कई अहम अधिकार मिल गए हैं, जैसे:
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हर महीने एक बार मुफ्त CIBIL स्कोर देखने का अधिकार
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रिपोर्ट में गलती होने पर उसे सुधारवाने का अधिकार
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लोन रिजेक्शन का स्पष्ट कारण जानने का अधिकार
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समयबद्ध शिकायत निवारण प्रक्रिया का लाभ
यह सभी बदलाव लोन प्रक्रिया को ज्यादा न्यायसंगत, पारदर्शी और ग्राहक के अनुकूल बनाते हैं।