Gold Price Crash 2025 : ईरान-इज़राइल के बीच युद्ध जैसे हालात और भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद सोने की कीमतों में वो उछाल नहीं आया जिसकी उम्मीद की जा रही थी। अप्रैल में जहां गोल्ड ने $3,500 प्रति औंस का रिकॉर्ड बनाया था, वहीं अब यह गिरकर $3,375 तक आ गया है। इस गिरावट ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है—क्या अब सोने का बुल रन खत्म हो गया है?
सिटी रिसर्च का अनुमान: गोल्ड 2,500 डॉलर तक गिर सकता है!
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सिटी रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की कीमतों में करेक्शन आना तय है।
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अगले साल की दूसरी छमाही तक गोल्ड $2,500–2,600 प्रति औंस तक गिर सकता है।
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कारण है निवेशकों की घटती दिलचस्पी और वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी।
ये हैं गिरावट की मुख्य वजहें
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ग्लोबल ग्रोथ पॉजिटिव संकेत दे रही है, जिससे सुरक्षित निवेश (Safe Haven) की जरूरत कम हो रही है।
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फेडरल रिजर्व की ओर से संभावित ब्याज दरों में कटौती—यह सोने की कीमत को प्रभावित करता है।
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सोने में निवेश की मांग कम हो रही है, क्योंकि निवेशक अब इक्विटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं।
भारत में 18 जून को गोल्ड फ्यूचर्स में गिरावट
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भारत में 18 जून को गोल्ड ₹141 यानी 0.14% गिरकर ₹99,425 प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गोल्ड $3,375 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था।
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इनवेस्टर्स की नजरें अब 18 जून को फेड की पॉलिसी घोषणा पर हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह:
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गोल्ड में गिरावट से घबराएं नहीं, इसे लॉन्ग टर्म एसेट के रूप में देखें।
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अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 10-15% रखें।
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गिरावट के समय थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करना स्मार्ट मूव हो सकता है।
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Gold ETF, Gold Mutual Fund या SIP के ज़रिए निवेश करना बेहतर रहेगा।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आने वाला है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि गोल्ड की चमक फीकी पड़ रही है। यह अब भी एक सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश का बेहतरीन विकल्प है। निवेश में संतुलन बनाए रखना और समय पर निर्णय लेना ही आपकी वेल्थ ग्रोथ की कुंजी है।