MP Employee Salary Alert : मध्यप्रदेश सरकार के हजारों कर्मचारियों के लिए जून महीने की सैलरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कारण है – राज्य के कोष एवं लेखा विभाग द्वारा जारी एक नया निर्देश, जिसके तहत सभी कर्मचारियों का IFMIS सिस्टम से ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी ने 30 जून तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो उसे जून महीने की सैलरी नहीं मिलेगी।
क्या है IFMIS और क्यों जरूरी है ई-केवाईसी?
IFMIS (इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य वित्तीय गतिविधियों के प्रबंधन के लिए लागू किया गया है। इस सिस्टम को और अधिक सुरक्षित व पारदर्शी बनाने के लिए अब कर्मचारियों की समग्र ID को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकार का मानना है कि यह कदम वेतन वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल रूप से प्रमाणिक बनाने में मदद करेगा।
क्या है सरकार की नई व्यवस्था?
कोष और लेखा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को एक पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि 30 जून 2025 तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का IFMIS पोर्टल के माध्यम से ई-केवाईसी पूरा होना चाहिए। इसके तहत:
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समग्र आईडी को आधार से लिंक करना जरूरी है
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प्रक्रिया “एम्प्लाई सेल्फ सर्विस प्रोफाइल” (ESS Portal) के माध्यम से की जाएगी
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लिंकिंग पूरा होने के बाद ही वेतन निकालने की अनुमति दी जाएगी
कितने कर्मचारियों पर है वेतन रुकने का खतरा?
राज्य में करीब 6 लाख नियमित कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत ने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है। लेकिन अभी भी लगभग 50 हजार कर्मचारी ऐसे हैं जिनका ई-केवाईसी लंबित है। अगर यह प्रक्रिया निर्धारित तिथि तक पूरी नहीं हुई तो इन सभी का जून माह का वेतन रुक सकता है।
यह संख्या काफी बड़ी है और इससे प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित हो सकता है।
ई-केवाईसी के लिए कितना समय बचा है?
विभाग ने कर्मचारियों को ई-केवाईसी पूरा करने के लिए 14 दिन का समय दिया है। यह समय 17 जून से शुरू हो चुका है और 30 जून तक चलेगा। इस दौरान सभी विभाग प्रमुखों और कलेक्टरों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कराएं।
क्या होगी प्रक्रिया?
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कर्मचारी को एम्प्लाई सेल्फ सर्विस पोर्टल (ESS) में लॉगिन करना होगा
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समग्र आईडी को आधार से लिंक करने का विकल्प चुनना होगा
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आधार संख्या और OTP के माध्यम से ई-केवाईसी को सत्यापित करना होगा
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प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसका रिकॉर्ड IFMIS पोर्टल पर अपडेट हो जाएगा
कर्मचारियों में चिंता और असमंजस
हालांकि विभाग ने यह फैसला पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है, लेकिन कई कर्मचारी संगठनों ने इस निर्णय पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि:
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कई कर्मचारियों को अभी भी ESS पोर्टल की प्रक्रिया की जानकारी नहीं है
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ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कमी और तकनीकी बाधाओं के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है
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अचानक से वेतन रोकने की चेतावनी देना कर्मचारियों में असमंजस पैदा कर रहा है
कर्मचारी संगठनों की मांग
कुछ कर्मचारी यूनियनों ने सरकार से अपील की है कि जिन कर्मचारियों का तकनीकी कारणों से ई-केवाईसी नहीं हो पाया है, उनका वेतन न रोका जाए। साथ ही इस प्रक्रिया की समयसीमा को बढ़ाने की मांग भी की जा रही है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई ई-केवाईसी प्रक्रिया एक सकारात्मक कदम जरूर है, लेकिन इसकी समयसीमा और क्रियान्वयन को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं। कर्मचारियों को जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी पूरी कर लेनी चाहिए ताकि वेतन में कोई रुकावट न आए। वहीं, सरकार को भी चाहिए कि वह इस प्रक्रिया में तकनीकी सहायता और अधिक जागरूकता अभियान चलाए, ताकि कोई भी कर्मचारी वेतन से वंचित न हो।