Heavy Rain Alert 2025 : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देशभर के कई राज्यों के लिए अगले सात दिनों तक मौसम से जुड़ी गंभीर चेतावनियाँ जारी की हैं। इस दौरान न सिर्फ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है, बल्कि धूलभरी तेज आंधी, तेज बिजली कड़कने, और 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का भी अलर्ट दिया गया है।
अगर आप इन प्रभावित राज्यों में रहते हैं, तो आपके लिए सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि मौसम में इस असामान्य बदलाव का असर जनजीवन पर साफ दिख सकता है।
उत्तर भारत: हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और यूपी में भारी बारिश
14 से 20 जून तक के लिए मौसम विभाग ने उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मौसम बिगड़ने की चेतावनी दी है। इस दौरान इन राज्यों में तेज बारिश, गर्जन, और तेज हवाओं के साथ मौसम बेहद उथल-पुथल भरा रहेगा।
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उत्तराखंड: 14 और 15 जून को बारिश की संभावना, जबकि 16 से 19 जून के बीच बहुत भारी बारिश हो सकती है।
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हिमाचल प्रदेश: 19 और 20 जून को भारी बारिश का अलर्ट।
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पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और यूपी: 40-50 kmph की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और तेज बारिश हो सकती है।
यह क्षेत्र पहाड़ों और नदी घाटियों से जुड़ा हुआ है, इसलिए भूस्खलन और नदियों में पानी बढ़ने जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं।
पश्चिम भारत: राजस्थान और गुजरात में आंधी के साथ बारिश
राजस्थान और गुजरात में तेज धूलभरी आंधी चलने की संभावना है।
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राजस्थान: 14 और 15 जून को धूलभरी आंधी आने की पूरी संभावना है, जिसकी रफ्तार 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
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गुजरात: 16 जून तक कई हिस्सों में तेज आंधी और गरज के साथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा 14, 17-19 जून को गुजरात में बहुत भारी बारिश का खतरा भी बताया गया है।
विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान में 15 और 20 जून के बीच भारी बारिश का अलर्ट दिया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।
दक्षिण भारत: कोंकण, गोवा और महाराष्ट्र में जलप्रलय का खतरा
दक्षिण भारत के तटीय राज्यों और महाराष्ट्र में भी मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है।
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कोंकण और गोवा: 14 जून को भारी बारिश और 70kmph तक की हवाएं चलने की संभावना है। इसके अलावा 16 और 17 जून को अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है।
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मध्य महाराष्ट्र: 17 से 20 जून के बीच तेज बारिश और बिजली गिरने की आशंका है।
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मराठवाड़ा: 14 जून को कई हिस्सों में भारी बारिश, और 15 जून को 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं चल सकती हैं।
यह स्थिति विशेष रूप से कृषि क्षेत्र, यातायात और शहरी जीवन को प्रभावित कर सकती है।
क्या करें और क्या न करें?
सुरक्षा के लिए ज़रूरी उपाय:
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बिजली की कड़क के दौरान घर में ही रहें।
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तेज आंधी के समय खुले में वाहन न चलाएं।
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जलजमाव की स्थिति में जल स्रोतों से दूर रहें।
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मोबाइल पर मौसम विभाग के अलर्ट को फॉलो करें।
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बिजली, इंटरनेट और पानी जैसी आवश्यक सेवाओं के बैकअप की व्यवस्था रखें।
क्यों ज़रूरी है यह अलर्ट गंभीरता से लेना?
हर साल देश में मानसून के दौरान बाढ़, आंधी, और बिजली गिरने से जान-माल का बड़ा नुकसान होता है। इस बार मौसम विभाग की चेतावनी पहले से कहीं अधिक सटीक और विस्तृत है, इसलिए लोगों को पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की चरम स्थितियाँ लगातार बढ़ रही हैं और अब हमें इससे निपटने के लिए खुद को समय से पहले तैयार रखना होगा।
निष्कर्ष
14 से 20 जून तक का समय देश के कई हिस्सों के लिए मौसम की परीक्षा जैसा हो सकता है। धूलभरी आंधी, बहुत भारी बारिश, तेज हवाएं और गरज के साथ बिजली – इन सभी से सुरक्षा पाना सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हम सभी की ज़िम्मेदारी है।
इसलिए, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और मौसम विभाग की हर चेतावनी को गंभीरता से लें।