Kisan Loan Waiver : महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। राज्य सरकार ने अब इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए किसानों के लिए कर्जमाफी को सुचारू रूप से लागू करने के लिए एक विशेष समिति बनाने का निर्णय लिया है। यह समिति राज्य के अंतिम और जरूरतमंद किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी सिफारिशें तैयार करेगी।
सरकार की ओर से बड़ा ऐलान
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और उनके हित में जल्द निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चू कडू के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
बच्चू कडू इस समय अमरावती के गुरुकुंज मोझरी में अन्नत्याग आंदोलन पर बैठे हैं। किसानों की समस्याएं, कर्जमाफी, और दिव्यांगों को मिलने वाली सहायता जैसे मुद्दों को लेकर उन्होंने सरकार से सीधे संवाद की मांग की थी। इस आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए मंत्री बावनकुळे स्वयं वहां पहुंचे और सरकार की मंशा से आंदोलनकारियों को अवगत कराया।
कैसी होगी यह विशेष समिति?
यह समिति राज्यभर के कर्जदार किसानों का वर्गीकरण करेगी। यानी किन किसानों पर कितना कर्ज है, वे किस वर्ग से आते हैं, क्या वे कर्ज चुकाने में सक्षम हैं या नहीं – इस प्रकार की जानकारी एकत्र कर सिफारिशों वाला एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा।
इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार निर्णय लेगी कि किन किसानों को तुरंत राहत दी जाए और किनके लिए अलग योजना बनाई जाए। इससे कर्जमाफी की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और लाभकारी हो सकेगी।
बच्चू कडू की भागीदारी भी होगी अहम
इस समिति के कामकाज में बच्चू कडू को भी शामिल किया जाएगा। उनकी मांगों और सुझावों को भी विचार में लिया जाएगा ताकि रिपोर्ट वास्तविक समस्याओं पर आधारित हो। मंत्री बावनकुळे ने यह भी स्पष्ट किया कि समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी ताकि लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बना रहे।
खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला
राजस्व मंत्री ने आगे बताया कि आगामी खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है कि थकीत (डिफॉल्टर) किसानों को भी नए कर्ज मिलने चाहिए। इससे वे खेती शुरू कर सकें और फसल उगा सकें।
मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस पर विशेष चर्चा की जाएगी और यह देखा जाएगा कि किन किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता की जरूरत है।
इस निर्णय से हजारों किसानों को नए सीजन की शुरुआत में आर्थिक सहारा मिलने की उम्मीद है। इससे किसानों का मनोबल भी बढ़ेगा और कृषि उत्पादन में भी सुधार हो सकता है।
दिव्यांगों के लिए भी राहत की तैयारी
बच्चू कडू के आंदोलन में एक और अहम मुद्दा दिव्यांगों को मिलने वाली सहायता राशि को लेकर था। उन्होंने मांग की थी कि दिव्यांगों को दी जाने वाली राशि बढ़ाई जाए ताकि वे अपनी आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
इस पर मंत्री बावनकुळे ने बताया कि पावसाळी अधिवेशन में इसके लिए पूरक अनुदान (Additional Grant) की मांग की जाएगी और उस पर निर्णय लिया जाएगा। यानी दिव्यांगों के लिए भी सरकार ने राहत देने का संकेत दिया है।
आंदोलन हो सकता है समाप्त
सरकार की इन घोषणाओं और रुख को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि बच्चू कडू जल्द ही अपना उपोषण खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद यह संकेत दिया है कि यदि सरकार लिखित में आश्वासन देती है, तो वे आंदोलन वापस लेने पर विचार करेंगे।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी और दिव्यांगों की सहायता के संबंध में जो कदम उठाए हैं, वे सकारात्मक माने जा रहे हैं। अगर यह विशेष समिति समय पर रिपोर्ट तैयार करती है और सरकार जल्द निर्णय लेती है, तो राज्य के लाखों किसान राहत की सांस ले सकेंगे।
सरकार की इस पहल से न केवल खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार देखने को मिल सकता है।
(नोट: यह लेख सरकारी बयानों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है, इसमें दी गई जानकारी समय के साथ बदल सकती है। कृपया अधिकृत स्रोतों से अद्यतन जानकारी लेते रहें।)