Monsoon Delay 2025 : देशभर में इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक जरूर दी, लेकिन इसके बाद बारिश की रफ्तार धीमी पड़ गई। मई के अंतिम सप्ताह तक जहां लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली थी, वहीं जून की शुरुआत में फिर से तापमान तेजी से बढ़ने लगा। हीटवेव ने एक बार फिर अपना प्रकोप दिखाया और आसमान से पानी की जगह मानो आग बरसने लगी। 29 मई के बाद से मॉनसून की गति रुक गई है, जिससे देश के कई हिस्सों में गर्मी का सितम बना हुआ है।
14 जून से फिर से सक्रिय होगा मॉनसून
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 14 जून से दोबारा सक्रिय हो सकता है और धीरे-धीरे उत्तर भारत की ओर बढ़ने लगेगा। इस समय मॉनसून की सीमित गतिविधियां मुंबई, सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक ही सीमित हैं। लेकिन अब बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रही मौसम प्रणाली से इसे नई ताकत मिल सकती है।
बंगाल की खाड़ी से मिलेगा समर्थन
स्काईमेट वेदर के प्रमुख जी.पी. शर्मा के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में दो बड़े मौसम तंत्र सक्रिय हैं। एक सिस्टम पहले से विकसित है, जबकि दूसरा विकसित हो रहा है। इन दोनों सिस्टमों के सक्रिय होने से मॉनसून न केवल पूर्व और दक्षिण भारत में फिर से जोर पकड़ सकता है, बल्कि धीरे-धीरे उत्तर और पश्चिम भारत की ओर भी बढ़ेगा।
चक्रवाती परिसंचरण देगा बारिश को गति
बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग में चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और कर्नाटक में बारिश लेकर आएगा। साथ ही सप्ताह के अंत तक कोंकण और गोवा में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। 14 जून को एक और सिस्टम बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में विकसित हो सकता है, जो ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इससे मॉनसून को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।
कमजोर क्षेत्रों में भी लौटेगा मानसून
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन मौसम प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मॉनसून फिर से गति पकड़ेगा। साथ ही उत्तर भारत में भी मॉनसून की उत्तरी सीमा के विस्तार की संभावना है, जिससे इन क्षेत्रों में भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है।
IMD ने बताया – मौसम हो रहा है अनुकूल
IMD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 14 जून तक मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। हालांकि बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे दूसरे सिस्टम की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन उत्तर ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण पहले से सक्रिय है, जो मॉनसून को सहारा दे रहा है।
किन क्षेत्रों में होगी बारिश?
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, 12 जून से दक्षिण महाराष्ट्र में बारिश शुरू हो सकती है, जो धीरे-धीरे राज्य के अन्य हिस्सों तक फैलेगी। केरल और कर्नाटक में पहले से ही मॉनसून सक्रिय है, और वहां हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी बारिश के आसार हैं।
उत्तर भारत में लू का कहर जारी
वहीं उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में हीटवेव का प्रकोप बना हुआ है। मौसम विभाग ने उत्तर मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में लू के हालात को लेकर अलर्ट जारी किया है। हालांकि, 13 जून के बाद से गर्मी में कुछ कमी आ सकती है क्योंकि तब तक मॉनसून धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ना शुरू करेगा।
बार-बार क्यों रुक जाता है मॉनसून?
आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। लेकिन इसकी धाराएं कभी बहुत तेज होती हैं तो कभी कमजोर पड़ जाती हैं। कई बार ये धाराएं एक ही स्थान पर कई दिनों तक रुक जाती हैं, जिससे बाकी क्षेत्रों में बारिश में देरी होती है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाली कम दबाव की प्रणालियां मॉनसून को बल देती हैं, लेकिन जब ये सिस्टम कमजोर होते हैं या समय पर विकसित नहीं होते, तो मॉनसून की गति थम जाती है। इससे लम्बे शुष्क दौर आ जाते हैं और तापमान सामान्य से कहीं अधिक हो जाता है।
निष्कर्ष
मौसम के इस बदलते मिजाज ने लोगों को उलझन में डाल रखा है। जहां एक ओर मानसून की उम्मीद बंधी है, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी परेशान कर रही है। मौसम विभाग की नई जानकारी से साफ है कि 14 जून के बाद से देश के कई हिस्सों में मानसून फिर से गति पकड़ेगा और लोगों को राहत मिल सकती है। लेकिन तब तक सावधानी जरूरी है – खासकर उन क्षेत्रों में जहां हीटवेव और गर्म हवाएं अभी भी सक्रिय हैं। मौसम से जुड़ी जानकारियों के लिए अलर्ट रहना और जरूरी सावधानियों को अपनाना ही इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है।