8th Pay Commission Delayed : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर जो उम्मीदें लगाई जा रही थीं, अब उन पर पानी फिरता नजर आ रहा है। करीब 35 लाख केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारी लंबे समय से इसके ऐलान की बाट जोह रहे हैं, लेकिन जून 2025 तक सरकार की ओर से न तो कोई आधिकारिक घोषणा हुई है और न ही आयोग के गठन से संबंधित टर्म्स ऑफ रेफरेंस जारी हुए हैं।
7वां वेतन आयोग और 8वें पर संशय
पिछली बार सरकार ने 2014 में 7वां वेतन आयोग बनाया था और 1 जनवरी 2016 से उसकी सिफारिशें लागू की गई थीं। उस प्रक्रिया में करीब 2 साल का वक्त लगा था। लेकिन अब जबकि जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने की उम्मीद की जा रही थी, तो इस साल के अंत तक भी आयोग का गठन नहीं हुआ, तो यह प्रक्रिया 2027 तक खिंच सकती है।
संभावित फिटमेंट फैक्टर और सैलरी वृद्धि
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.6x से 2.86x के बीच रह सकता है। इसका असर बेसिक सैलरी पर सीधा पड़ेगा:
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अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86x रहा तो वर्तमान ₹18,000 की न्यूनतम सैलरी ₹51,000 तक हो सकती है।
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लेकिन खर्च और राजकोषीय दबाव को देखते हुए सरकार शायद 2.6x या 2.7x पर ही फैसला ले।
डीए का असर और सैलरी गणना
जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो तत्कालीन DA (महंगाई भत्ता) को बेसिक सैलरी में शामिल कर दिया जाता है। इससे:
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कुल सैलरी में भारी इजाफा होता है।
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लेकिन आने वाले महीनों में DA की बढ़ोतरी थोड़ी धीमी हो जाती है।
पेंशनभोगियों की भी उम्मीदें
पेंशनभोगियों की यूनियनों ने भी लगातार मांग की है कि:
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नई पेंशन फॉर्मूला पर विचार किया जाए।
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पुराने रिटायर कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन का लाभ जल्द मिले।
सरकार ने अभी तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है।
चुनाव या बजट में हो सकता है बड़ा ऐलान?
जानकारों का कहना है कि अगर सरकार चुनाव से पहले या बजट 2026 में कोई बड़ा कदम उठाना चाहती है, तभी इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। अन्यथा यह मुद्दा 2027 तक टल सकता है।
DA में जुलाई 2025 में फिर बढ़ोतरी तय
वेतन आयोग की घोषणा भले ही लटकी हो, लेकिन जुलाई 2025 में DA में अगली बढ़ोतरी तय है। अगर तब तक आयोग का गठन हो जाता है, तो:
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DA को नए बेसिक में जोड़ने का लाभ मिलेगा।
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कुल वेतन संरचना में बड़ा अंतर दिखेगा।
निष्कर्ष
फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कर्मचारियों को थोड़ी और सब्र रखने की जरूरत है। जब तक सरकार कोई औपचारिक बयान या टर्म्स ऑफ रेफरेंस जारी नहीं करती, तब तक 2026 से लागू होने की संभावना कमजोर ही लगती है।
आशा है कि सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय लेगी, जिससे देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिलेगी।